एस-प्रेसो, शायद ये शब्द सुन के आपको कॉफ़ी की याद आए। लेकिन कुछ ऐसा ही रोचक नाम चुना है मारुति सुजुकी ने अपनी नई क्रॉस हैचबैक के लिए जिसे कंपनी अपनी एंट्री लेवल एसयूवी (मिनी एसयूवी) कहती है। देश में लोगो का स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए कंपनी ने इसे ख़ास तौर पर कम बजट सेगमेंट में अर्बन यूज़र्स के लिए उतारा है। कंपनी ने कार को यूटिलिटी व्हीकल्स जैसा लुक देने की भरपूर कोशिश की है। लेकिन क्या केवल लुक्स ही ऐसे है या परफॉर्मेंस में भी दम है? चलिए जानते हैं –
किसी कार की स्टाइलिंग ऐसी चीज़ है जिसपर शायद सबका मत एक जैसा ना हो और मारुति एस-प्रेसो (मारुति एस्प्रेसो) के केस में आप यह साफ़ तौर पर महसुस कर सकते हैं। मारुति सुजुकी इसे अपनी अपनी मिनी-एसयूवी कहती है। लेकिन यह ऑल्टो का उठा हुआ वर्ज़न ज्यादा लगती है। कंपनी ने इसे एसयूवी स्टाइलिंग देने की भरपूर कोशिश की है जिनमे मुख्य तौर पर इसका आगे से उठा हुआ फेस, टॉल बॉय डिज़ाइन, 180 मिलीमीटर का ग्राउंड क्लीयरेंस और कार के निचले हिस्से में ब्लैक कलर का इस्तमाल आदि शामिल हैं।
बात करें कार की फ्रंट डिज़ाइन की तो इसमें स्क्वायर या रेक्टेंगल डिज़ाइन पैटर्न दिया गया है जिसे आप फोटो में भी देख सकते हैं। इसमें चौकोर हेडलैम्प्स, कुछ-कुछ महिंद्रा जैसी टूथ ग्रिल और ब्रेजा जैसा बड़ा बम्पर दिया गया है। इसे आप ड्यूल टोन बम्पर कह सकते हैं क्योंकि इसके ऊपरी सिरे पर बॉडी कलर्स और निचला सिरा ब्लैक कलर में ही आएगा। गौरतलब है कि इसमें फॉग लैम्प्स नहीं दिए गए हैं जो कि एक बेसिक फीचर है। बहरहाल, आप ऑफिशियल एक्सेसरीज के रूप में बम्पर पर एलईडी डीआरएल (डे-टाइम रनिंग लैम्प) लगवा सकते हैं। साफ़ है कि कंपनी ने ऐसा कॉस्ट कटिंग के लिए किया है।
कार को एसयूवी फील देने के लिए इसके बम्पर को उठा हुआ और बड़ा बनाया गया है। यही नहीं, इसका फ्लैट बोनट और ए-पिलर का एंगल इसके एसयूवी करैक्टरस्टिक्स में जान डालते हैं।
साइड से देखने पर, आप मारुति की डिज़ाइन फिलॉसोफी पर सवाल उठा सकते हैं। इस एंगल से यह आपको थोड़ी अटपटी लग सकती है। बोक्सी डिज़ाइन वाली इस कार के डोर और विंडो का साइज बड़ा रखा गया है जो कि एक अच्छी बात है। इसकी ऊंचाई (1564 मिलीमीटर) रेनो क्विड (1490 मिलीमीटर) और डैटसन रेडी-गो (1541) से भी ज्यादा है। कार के व्हील आर्च चौकोर है, लेकिन इसपर एसयूवी करैक्टर देने वाली क्लैडिंग की कमी है। मारुति ने कार के फेंडर पर टर्न इंडिकेटर दिए हैं जो कि बेहद ही आउटडेटेड लगते हैं। इसमें ओआरवीएम पर टर्न इंडिकेटर और अलॉय व्हील्स की कमी है। हालांकि, इच्छुक ग्राहकों को अलॉय व्हील्स और क्लैडिंग के लिए ऑफिशियल एक्सेसरीज के रूप में अपनी जेब और ढीली करनी होगी।
एस-प्रेसो की रियर डिज़ाइन बेहद सिंपल है। फ्रंट की तरह रियर में भी ऊंचा उठा ड्यूल टोन बम्पर दिया गया है। इसके टेललैंप की बनावट भी चौकोर है। टेल गेट के सेंटर में सुजुकी का लोगो दिया गया है और इसके नीचे बूट खोलने के लिए की-होल्डर मिलेगा। गेट के निचले बाएं हिस्से में ‘एस-प्रेसो’ की बैजिंग दी गई है। इसमें आपको ”मारुति सुजुकी” और वैरिएंट के नाम की बैजिंग नहीं मिलेगी।
मारुति एस्प्रेसो कुल 6 कलर ऑप्शन में उपलब्ध है इनमें सॉलिड सिज़ल ऑरेंज, मैटेलिक सिल्की सिल्वर, सॉलिड सुपीरियर व्हाइट, सॉलिड फायर रेड, मैटेलिक ग्रेनाइट ग्रे और पर्ल स्टारी ब्लू शामिल है। हमारा दावा है कि हर कलर ऑप्शन के साथ आपका कार के लुक्स के प्रति ख्याल अलग होगा।
मारुति सुजुकी एस-प्रेसो | |
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लम्बाई | 3665 मिलीमीटर |
चौड़ाई | 1520 मिलीमीटर |
ऊंचाई | 1564 मिलीमीटर |
व्हीलबेस | 2380 मिलीमीटर |
ग्राउंड क्लीयरेंस | 180 मिलीमीटर |
बूट स्पेस | 270 लीटर |
कार में बैठते ही इसका सेंट्रल कंसोल आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इसमें पारम्परिक स्थान के उलट इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर को डैशबोर्ड के सेंटर में दिया गया दिया है। यह एक 4-पॉड डिजिटल क्लस्टर है जिसके अपर-सेंट्रल पॉड में स्पीड और इसके नीचे वाली स्क्रीन में फ्यूल गेज, ओडोमीटर, ट्रिपमीटर, एवरेज माइलेज आदि जानकारियां मिलती है। वहीं, इसके दोनों ओर मिलने वाले पॉड्स में विभिन्न वार्निंग/इंडिकेशन लाइट्स दी गई है। इसमें टेकोमीटर की कमी है।
इस इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के दोनों ओर सेंट्रल एसी वेंट्स और इसके नीचे टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम को पोज़िशन किया गया है। यह ब्लूटूथ, एप्पल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो कनेक्टिविटी फीचर्स के साथ आता है जो कि आपको अपने स्मार्टफ़ोन को इससे कनेक्ट करने की सुविधा देते हुए विभिन्न फीचर्स को एक्सेस करें की सहूलियत देता है। इस इंफोटेनमेंट सिस्टम का टच रिस्पांस अच्छा है। लेकिन इसकी डिस्प्ले ग्लॉसी है जो तेज़ रोशनी में आपको थोड़ी परेशान कर सकती है। इंफोटेनमेंट स्क्रीन के नीचे हजार्ड लैंप और फ्रंट पावर विंडो के कंट्रोल्स दिए गए हैं। इस पूरे सेटअप के चारों ओर एक राउंड हाउसिंग मिलती है।
इस राउंड हॉउसिंग और साइड एसी वेंट्स पर विभिन्न एक्सटीरियर कलर के हिसाब से ऑरेंज या सिल्वर कलर हाईलाइट मिलेगी। यदि कार का एक्सटीरियर पेंट ऑरेंज कलर का है तो इन पर ऑरेंज कलर मिलेगा। अन्य सभी एक्सटीरियर पेंट के साथ इन पर सिल्वर एक्सेंट मिलेगा।
बात करें अन्य फीचर्स की तो इग्निस जैसा स्टीयरिंग व्हील, स्टीयरिंग व्हील पर ऑडियो और टेलीफोनी कंट्रोल्स, मैनुअली एडजस्टेबल आउटर-रियर व्यू मिरर (ओआरवीएम), मैनुअल एयर कंडीशनिंग सिस्टम, हेडलाइट लेवलर, यूएसबी, ऑक्स-इन पोर्ट, 12-वॉल्ट पावर सॉकेट, फ्रंट डोर में 2 स्पीकर्स आदि फीचर्स मिलते हैं।
सेफ्टी के लिहाज़ से इसमें ड्राइवर साइड एयरबैग, एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) के साथ इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (ईबीडी), रियर पार्किंग सेंसर्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर, स्पीड अलर्ट सिस्टम आदि फीचर्स सभी वैरिएंट्स में स्टैंडर्ड मिलते हैं। इसके वीएक्सआई+ वैरिएंट में पैसेंजर साइड एयरबैग भी मिलता है। वहीं, अन्य वैरिएंट्स में यह ऑप्शनल तौर पर उपलब्ध है।
इसमें रिवर्स कैमरा, एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, डे/नाईट आईआरवीएम, रियर वाइपर और वॉशर, रियर डिफॉगर, एडजस्टेबल हेडरेस्ट और रियर में पावर विंडो की कमी है।
एक चीज़ जो हमने यहां अच्छी लगी वो ये कि कार की प्लास्टिक क्वालिटी व फिटिंग-फिनिशिंग इस सेगमेंट के हिसाब से काफी अच्छी है। साथ ही, इसका एसी बेहद ही दमदार है और चुटकियों में केबिन को ठंडा कर देता है।
एक कॉम्पैक्ट साइज कार होने के बावजूद भी एस-प्रेसो का केबिन स्पेस काफी अच्छा है। कार के डोर्स काफी बड़े है और चौड़े खुलते है जिसके चलते कार में बैठना और उतरना आसान है और आपको ज्यादा झुकना नहीं पड़ता।
एक बात जो यहां ध्यान देने वाली है कि इसके डोर पैड्स पतले हैं जिससे इसका केबिन चौड़ा लगता है और शोल्डर रूम भी ज्यादा मिलता है। कार के फ्रंट फैब्रिक सीट्स की कुशनिंग अच्छी है लेकिन इसमें फिक्स हेडरेस्ट मिलते हैं जिससे ज्यादा ऊंचाई वाले व्यक्ति को लम्बी दूरी की यात्रा में थोड़ी परेशानी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, मारुति ने ड्राइवर सीट को थोड़ा ऊंचा बनाया है इससे आपको अच्छा रोड व्यू मिलता है। लेकिन हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट ना होने के कारण 6 फ़ीट से ज्यादा ऊंचाई वाले व्यक्ति को थोड़ी मुश्किल हो सकती है। साथ ही इसमें एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील की भी कमी है।
बात करें रियर सीट्स की तो फ्रंट की तरह इनकी कुशिनिंग भी काफी अच्छी है और इसमें दोनों विंडो साइड सीट्स पर फॉक्स हेडरेस्ट मिलते हैं। इसमें भी हाइट एडजस्टेबल हेडरेस्ट की कमी है। जिससे लम्बी दूरी पर ऊंचे कद वाले पैसेंजर्स को नैक सपोर्ट से जुड़ी दिक्कत हो सकती है। हालांकि, इसमें पर्याप्त मात्रा में हेडरूम और नी-रूम मिलता है। यदि आपकी हाइट 6-फ़ीट या इससे थोड़ी अधिक है तब भी रियर मे हेडरूम से जुड़ी शिकायत नहीं लगेगी। इसमें दो एडल्ट लोग आसानी से बैठ सकते हैं। हालांकि, थर्ड पैसेंजर यदि एडल्ट है तो आपको कम्फर्ट के साथ समझौता करना पड़ेगा। लेकिन यदि थर्ड पैसेंजर कोई बच्चा हो तो आपको इसमें दिक्कत महसूस नहीं होगी। बहरहाल, रेनो क्विड की तुलना में इसमें रियर सेंट्रल आर्मरेस्ट और रियर पावर विंडो की कमी है। फ्रंट की तरह कार के रियर विंडो भी काफी बड़े हैं जिससे केबिन एयरी लगता है। यह एक अच्छी बात है।
बात करें स्टोरेज स्पेस की तो, एस-प्रेसो के डैशबोर्ड पर एक छोटा ग्लव बॉक्स के अलावा एक ओपन स्टोरेज स्पेस, सेंटर कंसोल पर दो कप होल्डर, स्टीयरिंग के निचले दाएं हिस्से में एक छोटा स्टोरेज और सेंटर कंसोल टनल के अंतिम छोर पर एक बोतल होल्डर स्पेस मिलता हैं। हालांकि, रियर डोर में बोतल होल्डर या मैगज़ीन पॉकेट और सीटबैक पॉकेट की कमी है।
मारुति सुजुकी एस-प्रेसो में 270 लीटर का बूटस्पेस मिलता है जो क्विड से थोड़ा कम है। कंपनी ने कार के बूट स्पेस को थोड़ा गहरा/डीप रखा है जिससे बड़े सामान कार में रखने और उतारने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। इसमें दो मध्यम साइज सूटकेस और छोटा मोटा सामान रख सकते हैं। साथ ही, इसकी रियर बेंच सीट को आप फोल्ड कर बूट को बढ़ा भी सकते है। हालांकि, रियर सीट फ्लैट फोल्ड नहीं होती है।
मारुति सुजुकी ने एस-प्रेसो में 1.0-लीटर, 3-सिलेंडर बीएस6 पेट्रोल इंजन दिया गया है जो कि 5500 आरपीएम पर 68 बीएचपी मैक्सिमम पावर और 3500 आरपीएम पर 90 न्यूटन मीटर का मैक्सिमम टॉर्क जनरेट करता है। यही इंजन ऑल्टो के10 और वैगन-आर में भी मिलता है।
चूंकि यह एक 3-सिलंडर इंजन है तो आइड्लिंग और कम आरपीएम रेंज में कुछ हद तक वाइब्रेशन आपको जरूर महसूस होंगे लेकिन मारुति ने इसे काफी कम करने की कोशिश की है। कार कम आरपीएम रेंज में कमाल का टॉर्क आउटपुट देती है जिससे आपको सिटी कंडीशन में ड्राइविंग के दौरान कोई परेशानी नहीं लगेगी और आप इसे निचले गियर (2nd और 3rd) में भी चला सकेंगे। हाईवे पर, यह 3 डिजिट स्पीड आसानी से पकड़ लेती है। हालांकि, इंजन नॉइज़ केबिन में साफ़ सुनाई देती है।
एस-प्रेसो टू-पैडल वैरिएंट्स यानी ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ भी उपलब्ध है। ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के रूप में इसमें एएमटी (ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन) यूनिट मिलती है। क्विड की तुलना में एस-प्रेसो के एएमटी गियरबॉक्स की परफॉर्मेंस काफी अच्छी है। हालांकि, बहुत ही ज्यादा स्मूथ है ऐसा भी नहीं है। इसमें आपको गियरशिफ्टिंग महसूस होती है लेकिन यह उतना ज्यादा लेग नहीं करता जितना कि क्विड या सैंट्रो के एएमटी करते हैं। इसमें गियर्स को मैनुअल सलेक्ट करने का ऑप्शन मिलता है। ओवरऑल, एएमटी के साथ भी कार की परफॉर्मेंस अच्छी है। और यह एएमटी और मैनुअल दोनों गियरबॉक्स के साथ हाईवे पर लगभग 20 किमी/लीटर और सिटी में लगभग 17 किमी/लीटर का माइलेज निकाल सकती है। हालांकि, माइलेज फिगर आपके ड्राइविंग पैटर्न और रोड कंडीशन पर भी निर्भर करती है।
एस-प्रेसों की राइड क्वालिटी और हैंडलिंग काफी अच्छी है। कार का ग्राउंड क्लीयरेंस 180 मिलीमीटर का है जिससे यह ख़राब रास्तों पर भी आसानी से गुजर जाती है। कार के सस्पेंशन ना ही ज्यादा सॉफ्ट है और नहीं बहुत ज्यादा स्टिफ (हार्ड) है जिससे गड्डो पर आपको यह बहुत ज्यादा परेशान नहीं करती है।
यह 3 डिजिट की स्पीड पर भी स्टेबल महसूस होती है। लेकिन यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि कार के टायर्स पतले है और कार की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण आप हाई स्पीड पर ओवरटेक या शार्प टर्निंग करने से बचें। इसमें कुछ हद तक बॉडी-रोल भी है।
मारुति एस-प्रेसो वैरिएंट्स | प्राइस (एक्स-शोरूम दिल्ली) |
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स्टैंडर्ड | 3.7 लाख रुपये |
स्टैंडर्ड (ऑप्शनल) | 3.76 लाख रुपये |
एलएक्सआई | 4.09 लाख रुपये |
एलएक्सआई (ऑप्शनल) | 4.15 लाख रुपये |
वीएक्सआई | 4.32 लाख रुपये |
वीएक्सआई (ऑप्शनल) | 4.38 लाख रुपये |
वीएक्सआई प्लस | 4.56 लाख रुपये |
वीएक्सआई एटी | 4.75 लाख रुपये |
वीएक्सआई ऑप्शनल एटी | 4.81 लाख रुपये |
वीएक्सआई प्लस एटी | 4.99 लाख रुपये |
टेबल से साफ़ है कि वीएक्सआई+ को छोड़कर अन्य सभी वैरिएंट्स के ऑप्शनल वैरिएंट्स भी उपलब्ध है। इन ऑप्शनल वैरिएंट में आपको स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स के अलावा फ्रंट पैसेंजर साइड एयरबैग और फ्रंट सीट बेल्ट्स में प्रीटेशनर + फ़ोर्स लिमिटर जैसी खूबियां मिलती है।
ऊपर जो हमने फीचर्स बताये है वो वीएक्सआई+ वैरिएंट के है। इसके वीएक्सआई वैरिएंट में आपको स्क्रीन टच इंफोटेनमेंट की जगह 2-डिन म्यूजिक सिस्टम मिलता है। साथ ही इसमें मैनुअली एडजस्टेबल ओआरवीएम और स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो कंट्रोल्स की भी कमी है। वहीं, इसके स्टैंडर्ड वैरिएंट्स में एयर कंडीशन भी नहीं मिलता है। ऐसे में ये वैरिएंट्स तो व्यर्थ ही है।
छोटी फॅमिली के लिए एंट्री लेवल सेगमेंट में यह काफी स्पेशियस कार है। इसकी परफॉर्मेंस अच्छी है लेकिन इसमें मिलने वाले फीचर्स के हिसाब से इसकी प्राइसिंग ज्यादा लगती है। मारुति को इसमें और अधिक फीचर्स जोड़ने की जरूरत है। इस लिहाज़ से सेगमेंट में रेनो क्विड मारुति एस-प्रेसो से बेहतर विकल्प लगती है।
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